राष्ट्रीय परशुराम परिषद
राष्ट्रीय परशुराम परिषद एक राष्ट्रीय सामाजिक संगठन है जिसके संस्थापक पंडित सुनील भराला जी हैं।
भारत ही एक मात्र एसा देश है जहाँ हमारे भगवान, देवताओ, ऋषि मुनियों तथा धर्मप्राण जनता ने विश्व को जीवन जीने की प्रेरणा दी, मानवता के रक्षा के लिए समय समय पर दानवी शक्तियों को धूल चटाई | धर्म की रक्षा के लिए सर्व समर्थ भगवान धरती पर अवतार लेते हैं दुष्टों राक्षसों के विनाश के लिए भगवान आवश्यकतानुसार देश काल तथा परिस्थिति के अनुरूप जन्म लेते हैं, लीला करते हैं तथा इस मायावी संसार का माया के द्वारा ही उद्धार करते हैं|
भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान श्री परशुराम जी हुए परशुधारी भगवान श्री परशुराम ने एक ओर जहां दुरात्माओं का समूल नाश किया वही भगवान शिव की अनन्य भक्ति प्रेरणा तथा शिक्षा से समूचे मानव जाति का कल्याण किया भगवान परशुराम से बड़ा कोई शिक्षक नहीं हुआ, और ना महान योद्धा | भगवान जहां उच्चतम आदर्शों मानबिंदुओं के संस्थापक थे वह शस्त्रधारण कर प्रजा की रक्षा करने में भी तत्पर थे | भगवान श्री राम के भक्त स्वरूप को जनता के सामने प्रस्तुत करने का श्रेय भी भगवान परशुराम को ही है | भगवान परशुराम के कारण ही जन समुदाय भगवान श्री राम के भव्य स्वरूप का दर्शन कर रहे हैं|
हमारे उद्देष्य
- भगवन परशुराम जी की जन्म स्थली, युद्ध स्थली, कर्म स्थली, शिक्षा स्थली आदि स्थानों में पहले भ्रम को स्पष्ट करना है।
- काशी विश्वनाथ एवं मथुरा विवादित परिसर को मुक्त कराने का आभियान चलाना |
- जम्मू कश्मीर से विस्थापित पंडितो को शीघ्र पुनर्वासित कराने का अभियान चलाना |
- श्री परशुराम विश्विद्यालय की स्थापना कराना |
- श्री परशुराम भगवान की जयंती पर अवकाश हेतु सरकार को बाध्य करना |
- समाज में वेरोजगार युवाओ हेतु व्यस्था का अभियान चलाना |
- देश के मंदिरों /मठ के पुजारियों के मानदेय को घोषित कराने हेतु सरकार से वार्ता करना |
- देश के राज्यों की राजधानी एवं तीर्थ स्थानों पर श्री परशुराम धाम . गुरुकुल एवं वेदपाठशालाओं की व्यवस्था कराना |
- समाज के युवा वर्ग में तेजी से बढ़ नशे की प्रविर्ति के विरूद्ध आन्दोलन चलाना |
- लव इन जेहाद के विरूद्ध आन्दोलन कराना
- अन्य राष्ट्र हित के मुद्दों पर संघर्ष करना |
राष्ट्रीय परशुराम परिषद
राष्ट्रीय परशुराम परिषद एक राष्ट्रीय सामाजिक संगठन है जिसके संस्थापक पंडित सुनील भराला जी हैं।
भारत ही एक मात्र एसा देश है जहाँ हमारे भगवान, देवताओ, ऋषि मुनियों तथा धर्मप्राण जनता ने विश्व को जीवन जीने की प्रेरणा दी, मानवता के रक्षा के लिए समय समय पर दानवी शक्तियों को धूल चटाई | धर्म की रक्षा के लिए सर्व समर्थ भगवान धरती पर अवतार लेते हैं दुष्टों राक्षसों के विनाश के लिए भगवान आवश्यकतानुसार देश काल तथा परिस्थिति के अनुरूप जन्म लेते हैं, लीला करते हैं तथा इस मायावी संसार का माया के द्वारा ही उद्धार करते हैं|
भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान श्री परशुराम जी हुए परशुधारी भगवान श्री परशुराम ने एक ओर जहां दुरात्माओं का समूल नाश किया वही भगवान शिव की अनन्य भक्ति प्रेरणा तथा शिक्षा से समूचे मानव जाति का कल्याण किया भगवान परशुराम से बड़ा कोई शिक्षक नहीं हुआ, और ना महान योद्धा | भगवान जहां उच्चतम आदर्शों मानबिंदुओं के संस्थापक थे वह शस्त्रधारण कर प्रजा की रक्षा करने में भी तत्पर थे |
राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा के लिए परिषद के दो अनुषांगिक संगठन हैं

हमारे उद्देष्य
- भगवन परशुराम जी की जन्म स्थली, युद्ध स्थली, कर्म स्थली, शिक्षा स्थली आदि स्थानों में पहले भ्रम को स्पष्ट करना है।
- काशी विश्वनाथ एवं मथुरा विवादित परिसर को मुक्त कराने का आभियान चलाना |
- जम्मू कश्मीर से विस्थापित पंडितो को शीघ्र पुनर्वासित कराने का अभियान चलाना |
- श्री परशुराम विश्विद्यालय की स्थापना कराना |
- श्री परशुराम भगवान की जयंती पर अवकाश हेतु सरकार को बाध्य करना |
- समाज में वेरोजगार युवाओ हेतु व्यस्था का अभियान चलाना |
- देश के मंदिरों /मठ के पुजारियों के मानदेय को घोषित कराने हेतु सरकार से वार्ता करना |
- देश के राज्यों की राजधानी एवं तीर्थ स्थानों पर श्री परशुराम धाम . गुरुकुल एवं वेदपाठशालाओं की व्यवस्था कराना |
- समाज के युवा वर्ग में तेजी से बढ़ नशे की प्रविर्ति के विरूद्ध आन्दोलन चलाना |
- लव इन जेहाद के विरूद्ध आन्दोलन कराना
- अन्य राष्ट्र हित के मुद्दों पर संघर्ष करना |



महाकुंभ 2025
प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन वर्ष 2025 में 13 जनवरी से होगा। महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल में किया जाता है। इससे पहले यह आयोजन वर्ष 2013 में हुआ था।
इसे मेले का संबंध ज्योतिष और आस्था दोनों से माना जाता है।साल 2025 में बृहस्पति वृष राशि में होगा। सूर्य और चन्द्रमा के मकर राशि में प्रवेश करने पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है। साल 2025 में यह संयोग बनेगा और तब 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक यह मेला लगेगा।
जानापाव - महर्षि परशुराम जी की जन्म स्थली


महाकुंभ 2025
कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा तीर्थ और त्यौहार है। यह आयोजन एक धार्मिक और सांस्कृतिक तमाशा है जो 12 साल में एक बार होता है और दुनिया भर से प्रतिभागियों को गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए आकर्षित करता है। महाकुंभ महोत्सव 2013 को मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़े समागमों में से एक माना जाता है।

महाकुंभ 2025
कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा तीर्थ और त्यौहार है। यह आयोजन एक धार्मिक और सांस्कृतिक तमाशा है जो 12 साल में एक बार होता है और दुनिया भर से प्रतिभागियों को गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए आकर्षित करता है। महाकुंभ महोत्सव 2013 को मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़े समागमों में से एक माना जाता है।
- Advertisement ‘Prayer for Swabhimaan and Samajhothan
- President Nikhil Sharma pledged to work for the unity of the organization
इवेंटस
Mahakumbh 2025
महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए हम सभी तैयारियाँ पूर्ण कर चुके हैं। राष्ट्रीय परशुराम परिषद शिविर लगाएगी और योगी सरकार द्वारा बसों की व्यवस्था…
Chalo Meerut
सर्व ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में आयोजित ब्राह्मण स्वाभिमान शंखनाद चिंतन-मनन-अधिकार-निर्णय कार्यक्रम में आप सादर आमंत्रित हैं। चलो मेरठ l। जय श्री परशुराम।
भगवान परशुराम राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी एवं संत समागम
- 19th- 20th June, 2022
- हरिद्वार
भगवान परशुराम को लेकर फैली मिथ्याओं को तोड़ने जुटे संत माननीय पंडित श्री Pandit Sunil Bharala जी के मार्गदर्शन से राष्ट्रीय परशुराम परिषद द्वारा हरिद्वार में भगवान परशुराम राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी एवं संत समागम का आयोजन हुआ
- 8th, 9th Oct 2022
- वृंदावन
राष्ट्रीय परशुराम परिषद अखिल भारतीय दो दिवसीय चिंतन वर्ग का प्रथम सत्र का शुभारंभ हुआ जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने संगठनात्मक विषय पर चर्चा कर अपने विचार रखें।
- 20th नवंबर 2022
- वाराणसी
वाराणसी-उद्घोष l भगवान श्री परशुराम जी की जन्मस्थली, तपोस्थली, युद्धस्थली व कर्मस्थली का हरिद्वार में संपन्न भगवान-परशुराम-शोध-संगोष्ठी के प्रतिफल स्वरूप 20 नवंबर को वाराणसी में होगा विधिवत उद्घोष।
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